मेरी एक करीबी अच्छी मित्र का सुनाया
हुआ एक बेहतरीन किस्सा सांझा कर रही हूं आप के साथ -
एक बार गांधी जी रवीन्द्र नाथ टैगोर
जी से मिलने उनके आश्रम गये। वहां उन्होने देखा कि टैगोर उनसे मिलने के लिए अपनी
लंबी दाढ़ी और बालों को शीशे में देखकर संवार रहे हैं।
ये सब देख गांधी जी को हंसी
आ गई और बोले टैगोर तुम्हें मुझसे मिलने के लिए इतनी तैयारी की कोई जरूरत नहीं है।
फिर टैगोर ने मुस्कराते हुए विनम्रता
से उन्हें कहा- दरअसल, हम लोग जब किसी से मिलते हैं तो हमें अच्छा
दिखना चाहिए। और यदि हम ऐसा नहीं करते हैं
तो हम सामने वाले पर मानसिक हिंसा करते हैं। इसलिए अच्छा दिखना और देखना हमें खुद
आना चाहिए।
सही है....
ReplyDeletethanx Mr. Atul :)
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