Powered By Blogger

Friday, August 2, 2013

तुमसे सीखा है...

खुश रहना
मैंने
तुमसे सीखा है
हंसना
मैंने तुम्हारी मुस्काराहट से
सीखा है
दिए जलाना
मैंने तुम्हारी शाम से
सीखा है
सात रंगों को छूना
मैंने छांव से सीखा है
फर्ज़ तुम्हारा है
हमेशा
मुझे सीखाते रहो
खुश रहना जो
मैंने
तुमसे सीखा है...

14 comments:

  1. This comment has been removed by the author.

    ReplyDelete
  2. Sundar Rachna ... Seekhti Raho

    www.kavyarachnaveer.blogspot.com

    ReplyDelete
  3. अच्छी बाते सीखती रहो !
    शुभकामनायें !

    ReplyDelete
    Replies
    1. मेरे बुलाने पर आपका यहां आने के लिए शुक्रिया।

      Delete
  4. ओह! आपका बहुत —बहुत धन्यवाद शर्मा जी। :)

    ReplyDelete
  5. सुन्दर ,सटीक और प्रभाबशाली रचना। कभी यहाँ भी पधारें।
    सादर मदन
    http://saxenamadanmohan1969.blogspot.in/
    http://saxenamadanmohan.blogspot.in/

    ReplyDelete
  6. बहुत बढ़िया प्रस्तुति हार्दिक बधाई

    ReplyDelete
  7. बहुत बढ़िया प्रस्तुति

    ReplyDelete
  8. बहुत सुन्दर अभिव्यक्ति,इस तरह के सार्थक प्रयास करते रहिये,शुभकामना,व बधाई.
    लालित्य ललित

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत—बहुत शुक्रिया सर...

      Delete