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Tuesday, December 20, 2011

वर्चुअल दुनिया में ट्विटर

            
इंटरनेट पर 140 अक्षरों की दुनिया यानी ‘ट्विटर‘ से आज के समय में कोई भी अनजान नही है। ट्विटर ने अपने उन सभी उपयोगकर्ताओं को एक मंच दिया जो कम समय और कम शब्दों में अपनी बात सबके बीच साझा करना चाहते थे। ट्विटर की शब्द सीमा कम होने के कारण ही इसे एक दूसरा नाम ‘माइक्रोब्लॉगिंग‘ दिया गया।
ट्विटर को अपनी सेवा देते हुए अभी महज 5 साल बीते हैं बावजूद इसके, इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या लगभग 200 करोड़ पहुंच गई हैं। इंटरनेट की पहुंच बढ़ने के साथ-साथ बड़ी तेजी से इसके उपयोगकर्ताओं की संख्या में इजाफा होता जा रहा है। ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक दिन लगभग 1‐6 करोड़ ट्विट किये जाते हैं। वर्ष 2006 में जैक डॉसी(संस्थापक) ने इस बहुभाषी सोशल नेटवर्किंग साइट को लोगों के नाम किया था।
ट्विटर पर समय की मांग को देखते हुए सभी प्रतिष्ठित लोग या नेता- अभिनेता और समाजसेवी अपनी बात रखने लगे हैं। शायद ही कोई बड़ी और चर्चित हस्ती होगी जिसका ट्विटर अकाउंट न हो, ऐसा माना जाने लगा है कि ट्विटर जैसी सोशल नेटवर्किंग साइट पर अकाउंट होने से इन हस्तियों को अपने प्रशंसकों के बीच ज्यादा लोकप्रियता हासिल हो सकती है। जहां विदेशों में ओबामा, ओपराह विनफ्रे, ब्रिटनी स्पेयर्स या शकीरा आदि के द्वारा किये गए ट्विट्स को सबसे अधिक लोकप्रियता मिलती है तो वहीँ भारत में अमिताभ बच्चन ट्विटर पर अपने दादा होने की खुशी बांटते हैं। सचिन तेंदुलकर अपने फैन्स द्वारा दी गई शुभकामनाएं बंटोरते हैं। लता दी हर मैच के बाद क्रिकेट टीम को जीत की बधाईयां देती हैं तो प्रियंका चोपड़ा अपने फैन्स सबसे अधिक होने के कारण ट्विटर पर हर महीने फॉलोअर्स की संख्या उछालती हैं।
इस वर्चुअल युग में ट्विटर से ही मीडिया को बहुत सी खबरें नसीब हो जाती हैं। किरण बेदी का ट्विट् हो या नरेन्द्र मोदी का खबरें सब पर बनती हैं। वहीं शशि थरूर को ट्विटर पर 2009 में उनके द्वारा किया गया उनका ‘कैटल क्लास‘ ट्विट् उनपर कुछ ज्यादा ही भारी पड़ गया था। यहां तक कि विरोध के चलते पद से भी हटना पड़ा।
ट्विटर के जरिये इसके उपयोगकर्ता उन सबसे खुद को जोड़ पाते हैं जिनके बारे में जानने को वह उत्सुक रहते हैं। अक्सर देखा गया है कि मीडिया के कुछ नोसिखिये अपनी खबर को चटपटी बनाने की जुगत में नेता-अभिनेताओं के बारे में कुछ भी दिखाते हैं। इस संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि ट्विटर पर आम लोग इनके फॉलोअर बन अपने पसंदीदाओं के बारे में स्वयं जान सकते हैं।
ट्विटर आम लोगों में भी अपने दोस्तों या अन्यों से अपनी बात और विचार साझा कर उनसे जुड़ने का एक खासा लोकप्रिय माध्यम बन चुका है। हाल ही में हुए अन्ना के आंदोलन में जब अन्ना की गिरफ्तारी हुई तो फिल्मी सितारों के साथ-साथ सभी समर्थकों ने ट्विटर पर इसका विरोध जताया।
इसी वर्ष मई में हुई ओसामा बिन लादेन की मौत को उदाहरणस्वरूप देखा जा सकता है। पाकिस्तान के एबटाबाद में(जहां लादेन को मारा गया) बैठे शोएब अतहर नाम के व्यक्ति ने अनायास ही तुरंत हमलों की जानकारी देनी शुरू कर दी थी। जबकि इसके कई घंटों बाद यह जानकारी मीडिया को मिली।
यदि इस घटना को ट्विटर का सकारात्मक पहलू माना जाए तो हाल ही में, किसी अज्ञात व्यक्ति ने अमिताभ बच्चन की ट्विटर पर नकली आईडी बना उस पर अभिनेता शाहरूख खान की हालिया रिलीज फिल्म ‘रा-वन‘ की आलोचना की। अमिताभ बच्चन के साथ घटी घटना को ट्विटर का एक नकारात्मक पहलू के रूप में देखा जा सकता है जब उन्हें खुद आगे आकर सफाई देनी पड़ी। इससे पहले भी कई बार ऐसा हुआ है। एप्पल जनक स्टीव जॉब्स की असल में मृत्यु होने के कई माह पहले ही किसी शरारती तत्व द्वारा उनकी मौत की झूठी खबर उड़ाई गई थी।
ट्विटर पर हर दिन बढ़ती लोगों की प्रतिक्रियाओं को देखते हुए वैश्विक स्तर पर इसके दो रूप सामने आए। पहला, चीन ने अपने देश की जनता को अन्य देशों के लोगों साथ मिलकर  लोकतंत्र की आवाज़ उठाते देख उसे पहले ही दबा दिया। यह लोकतंत्र का अलोकतांत्रिक विरोध था या कुछ और? पर 2009 में ट्विटर पर लगा यह प्रतिबंध अभी तक कायम है। दूसरा, जहां तालिबान ने अफगानिस्तान में फिल्मों, संगीत, टीवी या अन्य प्रसारण पर बैन लगाया वहीं तालिबान खुद ट्विटर पर आ गया। मई 2011 में तालिबान ने अपने देश से पहला ट्विट किया। 
ट्विटर का जादू एक तरफ लोगों को अपने विचार साझा करने में चला है तो दूसरी ओर सितारों के लिए यह कमाई का जरिया बना है। फिल्मी सितारे ट्विटर पर अपने प्रशंसकों के संपर्क में रहने के साथ-साथ अपने प्रायोजित ट्विट्स से मोटी रकम भी पा रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि लोग वैसी चीजें पसंद करना शुरू कर देते हैं जैसी उनके पसंदीदा सितारे इस्तेमाल करते हैं। इसलिए सितारे अपने ट्विट्स में किसी खास ब्रांड का नाम ले तारीफ करते हैं जिससे संबंधित ब्रांड उन्हें अपने इस विज्ञापन के लिए अच्छे पैसे देता है। 71 डॉलर प्रति अक्षर की दर से इन्हें भुगतान किया जाता  है। कंपनियां खुद यह दावा करती हैं कि ये प्रायोजित ट्विट्स उन्हें टीवी या अखबार के विज्ञापन से अधिक सस्ते पड़ते हैं। ऐसा माना जा रहा है कि प्रायोजित का प्रचलन भारत में भी होने लगा है जो अब तक विदेशों तक सीमित था। भारतीय अभिनेत्री लारा दत्ता को एक प्रायोजित ट्विट् के लिए 3200 डॉलर मिलते हैं।
आजकल फिल्मों के प्रमोशन में भी संबंधित सितारे और निर्माता अपनी फिल्म के लिए आम लोगों से इसे देखने की अपील करते हैं। इसी तरह सलमान रूश्दी या चेतन भगत जैसे लोकप्रिय लेखक भी अपनी नई किताबों का प्रचार ट्विटर के माध्यम से करने लगे हैं।
अंत में यह कहा जा सकता है कि सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर युवाओं को सबसे अधिक लुभा रही है। भारत में अभी इसके उपयोगकर्ता बहुत ज्यादा संख्या में नहीं हैं। ट्विटर के कुल उपयोगकर्ताओं में से केवल 6. 4 प्रतिशत ही भारतीय हैं। कुछ देशों में यह अब तक प्रयोग में नहीं है लेकिन संभावना है कि आने वाले वर्षों में इसके उपयोगकर्ताओं में भरपूर इजाफा होगा।          
 

             


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